आपदा प्रबंधन


  • आग के संकट : आग के संकट से सम्बन्धित आपदा से संघर्ष करने के लिये प्राधिकरण के द्वारा उपचारात्मक उपाय किये गये हैं जो आधुनिक एवं नव्य अग्निशमन उपकरणों को सम्मिलित करती है। संकट कम करने वाली रणनीतियों की बेहतर सक्षमता हेतु मानक संचालन प्रक्रिया विरचित की गयी है।
  • स्वास्थ्य सेवाएं: 10 सुपर स्पेशालिटी डिपार्टमेंट्स न्यूरो सर्जरी, न्यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, इन्डोक्रइनोलॉजी, यूरोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी, आनको सर्जरी एवं सीटीवीएस गैस्ट्रोइन्ट्रोलॉजी एवं कार्डियोलॉजी के गंभीर रोगियों के लिये विशिष्टि उपचार प्रदान करते हैं। आपदा की स्थिति के साथ व्यवहार करने के लिये 40 बिस्तरो का एक ट्रामा केयर सुविधा सम्पन्न ट्रामा सेन्टर बनाये गये हैं। 30 बिस्तरों काएक समर्पित विशेष वार्ड एस०आर०एन० अस्पताल एवं अन्य सहबद्ध अस्पतालों में कुंभ मेला तीर्थयात्रीगण के लिये प्रत्येक विशिष्टियों में 5 बिस्तर आरक्षित किये गये हैं।
  • बाढ़: कुंभ मेला क्षेत्र में बाढ़ की स्थितियों से निपटने के लिये मानक संचालन प्रक्रिया विरचित की गयी है और सभी विभागों को सतर्क कर दिया गया है। बाढ़ प्रतिक्रिया तंत्र लाइफबाय, लाइफ जैकेट्स, जेट्टी, सोनार सिस्टम, नावें इत्यादि जैसे खतरा कम करने वाले उपकरणों के साथ तैयार किये गये हैं।
  • भगदड़ : जलने की उपस्तियां, डूबना, भगदड़ इत्यादि की दशा में समर्पित डाक्टरों एवं पैरा मेडिकल स्टाफ को टीम के विशेष किटों के साथ आपदा प्रबंधन सुविधाओं से युक्त नियोजित किये गये हैं। प्रत्येक पुलिस अधिकारी को यातायात योजना (मार्ग बदलाव एवं ठहराव क्षेत्रों को सम्मिलित करते हुये) मार्ग बदलने वाले तीर्थ यात्रीगण को गलत दिशा में जाने से रोकने के लिये सूचित किया जायेगा। क्षेत्र प्रभारी एवं निरीक्षकों को प्रतिदिन प्रत्येक 2 घंटे में बैरीकेटिंग व्यवस्थाओं की दशा का निरीक्षण करना है जिससे निर्धारित दिशाओं में भीड़ का संचालन सुनिश्चित किया जा सके। चौबीसों घंटे सम्यक् जन प्रसारण तंत्र का उपयोग करते हुये भीड़ का मार्ग परिवर्तन किये जाने हेतु उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान हेतु निगरानी करती हुई सी०सी०टी०वी० कैमरे, प्रथम सहायता किट, बैरियर्स, टार्चेज इत्यादि लगाये गये हैं। उच्च जोखिम क्षेत्रों में आकस्मिक उपकरणो का भण्डार एवं आपूर्ति की व्यवस्था की गयी है।




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सुरक्षा सेवायें

कुंभ मेला-2019 में आने वाले तीर्थ यात्रीगण की सुरक्षा आयोजन के अन्य सभी पक्षों से शीर्ष प्राथमिकता पर है। कुंभ मेला के भीतर सुरक्षा सुनिश्चित करने और पवित्र समागम में व्यवस्था बनाये रखने के लिये कुंभ मेला पुलिस के द्वारा रखने के लिये कुंभ मेला पुलिस के द्वारा निम्नलिखित उपाय किये गये हैं :-
·         40 पुलिस थाने, 3 महिला पुलिस थाना और 60 पुलिस चौकियों के साथ 4 पुलिस लाइनें कुंभ मेला का एक भाग के रूप में स्थापित किये जा रहे हैं
·         कुम्भ के नदी क्षेत्र के चारों ओर जल पुलिस तीन ईकाइयां स्थापित करेगी
·         1 घुड़सवार पुलिस लाइन स्थापित किया जाना है
·         भीड़ प्रबंधन हेतु वीडियो विश्लेषण
·         भीड़ प्रबंधन हेतु वास्तविक समय वीडियो
·         अत्यधिक भीड़ की दशा में वास्तविक समय की खोज एवं चेतावनी लघुगणक
·         स्वचालित नम्बर प्लेट पहचान तंत्र (ए०एन०पी०आर०)
·         रंगों से वाहनों की पहचान
·         वाहन का रंग/अनुज्ञप्ति प्लेट से वाहन की खोज एवं तिथि समय संयोजन
·         बदलती हुई संदेश सम्प्रदर्शन बोर्ड
·         वास्तविक काल की सूचना, चेतावनी प्रसारण, यातायात सुझाव, मार्ग दिशा-निर्देश एवं आकस्मिक संदेश
·         विषय वस्तु एवं चित्र आधारित संदेश सम्प्रदर्शन
·         समेकित यातायात प्रबंधन तंत्र


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यातायात योजना

प्रयागराज नगर में भारत के बड़े शहरों से वायुयान द्वारा पहुँचा जा सकता है। कुंभ मेला क्षेत्र के निकट पहुंचने के लिये मंदर मोड़ के निकट बस सेवायें हेतु निकटतम बिन्दु है।

कुंभ मेला भारतीय रेल सेवायें की उत्तर मध्य रेलवेज, उत्तर पूर्वी रेलवेज एवं शहरी रेलवेज तंत्र के माध्यम से अच्छी पहुंच रखती है। प्रयागराज बड़े शहरों यथा दिल्ली, कोलकाता, लखनऊ, कानपुर इत्यादि तक सुविधाजनक आवागमन पर है।गाड़ियों को आई०आर०सी०टी०सी० सेवाओं https://www.irctc.co.in के माध्यम से अच्छी तरह अग्रिम में बुक कराया जा सकता है। कुंभ मेला- 2019 के दौरान ऊंची मांग की पूर्ति करने के लिये तीर्थयात्रियों एवं दर्शकगण के लिये विशेष ट्रेन सेवायें आरंभ की जायेगी।

सड़क मार्ग द्वरा कुंभ मेला- 2019 में आने वाले तीर्थ यात्रीगण उत्तर प्रदेश के भीतर सभी बड़े शहरों और निकटवर्ती राजयों को सम्बद्व करती हुई सड़क परिवहन राज्य बस सुविधायें उपलबध कर सकते हैं। सड़क परिवहन मार्गों पर सूचनायें http://www.upsrtc.com से प्राप्त की जा सकती है।

अपने निजी वाहनों से कुंभ मेला की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रीगण प्रयागराज कुंभ मेला तक पहुंचने वाली सभी मार्गों से मांग की पूर्ति हेतु रणनीतिक रूप से नियोजित पार्किंग सुविधायें उपलब्ध कर सकते हैं।



  • कुम्भ में आवागमन हेतु प्रमुख मार्ग तथा उन मार्गों पर यातायात प्रबंधन
  • पर्व के दिनों में रोडवेज/प्राइवेट बस अड्डों का स्थान
  • श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु उपलब्ध शटल बस सेवा
  • सी.एन.जी. आटो/ई-रिक्शा का विवरण
  • सैटेलाइट टाउन पार्किंग
  • श्रद्धालुओं की यात्रा हेतु ट्रेनों की उपलब्धता
  • मार्गवार स्नानघाटों की अवस्थिति
  • महत्वपूर्ण मार्ग पर बने विश्रामालय स्थल

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आकस्मिक सेवायें

तीर्थयात्रीगण की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये आकस्मिकताओं के विरूद्ध संघर्ष करने के लिये उपाय किये गये हैं।

अग्निशमन सेवा

40 अग्निशमन केन्द्र 15 अग्नि शमन चौकियों के साथ स्थापित की गयी हैं जो निम्नलिखित संसाधनों से सुसज्जित होंगे:
  • > मध्यम एवं बड़ी क्षमता युक्त अग्निशमन ट्रकें।
  • > जल फुहार की बाइकें एवं जीपें।
  • > रेस्क्यू एण्ड फोम टेन्डर।
  • > अग्निशमन यंत्र।
  • > फायर एम्बुलेंस।
  • > स्वांस लेने के उपकरण इत्यादि।

पुलिस एवं आकस्मिक सेवा मानव शक्ति

पुलिस एवं आकस्मिक सेवा मानव शक्ति: कुम्भ मेला 2019 के लिये एक बड़ी मानवशक्ति नियोजित की गयी है। सिविल पुलिस, यातायात पुलिस एवं सशस्त्र पुलिस, केन्द्रीय सशस्त्र बल, जल पुलिस, चौकीदार एवं होमगार्डस् के पर्याप्त बलों को नियोजित किया गया है।

निगरानी टावर

परिसंकटमय आकस्मिकताओं, घटनाओं एवं भीड़ का निकट से सन्निरीक्षण करने हेतु क्षेत्रों में लगाये गये हैं।
आकस्मिकताओं की दशा में प्रत्येक घाट के लिये विरचना के साथ विशेष निक्रमण (खाली कराना) योजनायें समेकित की गयी है।

समेकित समादेश एवं नियंत्रण केन्द्र

इस तंत्र का उपयोग बहुसंख्या में विभागों का समेकन एवं एक सन्निरीक्षण मंच प्रदान करने के लिये किया जाता है। आकस्मिकताओं की दशा में सूचनायें स्थापित की गयी 21 आई0सी0सी0सी की मदद से सभी सम्बन्धित विभागों को संप्रेषित की जा सकती हैं।

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खोया-पाया

प्रयागराज मेला प्राधिकरण पुलिस विभाग के साथ 15 उच्च तकनीक सम्पन्न खोया-पाया पंजीकरण केन्द्रों की मेला क्षेत्र में स्थापना कर रही है। ये केन्द्र खोये हुये तीर्थयात्रियों के उनके परिवारों और मित्रों से पुनर्मिलन हेतु सुविधायें प्रदान करेंगी। ये सुविधायें सभी केन्द्रों पर खोये हुये तीर्थ यात्रीगण का डिजिटल पंजीकरण प्रदान करेंगे और तीर्थयात्रीगण को निम्नलिखित विशिष्टियों के माध्यम से उनके प्रियजनों के पास वापस जाने में सहायक होंगेः

खोये हुये व्यक्ति (जिनके पास मोबाइल नहीं है) और खोया-पाया केन्द्र की मदद से अपने परिवार/मित्रों से सम्पर्क कर सकते हैंखोये हुये/लापता व्यक्तिओ की सूचना प्रत्येक खोया-पाया केन्द्र पर सम्प्रदर्शित की जायेगी जिससे उनके परिवारों/मित्रों को खोये हुये व्यक्ति की खोज करने में मदद हो सके। केन्द्र का नाम/स्थिति जहां यह स्थित है, को भी सम्प्रदर्शित किया जायेगा।सभी खोये/लापता व्यक्तिगण के लिये केन्द्रों पर जन सम्बोधन उद्घोषण की जायेगी।सोशल मिडिया (फेसबुक, ट्विटर) पर खोये और पाये गये व्यक्तिगण के संदेश पोस्ट किये जायेंगे।यदि 12 घंटों के भीतर खोये व्यक्तिगण का दावा उनके परिवार/मित्रगण के द्वारा नहीं किया जाता है तो पुलिस सहायता प्रदान की जायेगी।


लापता व्यक्ति की पंजीकरण प्रक्रिया एवं इसकी कार्यप्रणाली :-

  • जब आप को व्यक्ति के लापता होने का ध्यान आये तो तुरंत किसी भी निकटतम स्थानीय पुलिस विभाग या हमारे खोए और पाए गए केंद्र से संपर्क करें।
  • लापता व्यक्ति की रिपोर्ट दर्ज करने के लिए कहें।
  • खोए व्यक्ति के बारे में व्यक्तिगत जानकारी प्रदान करें।
  • लापता व्यक्ति की रिपोर्ट दर्ज करने के लिए, संबंधित अधिकारी को कृपया निम्नलिखित जानकारी प्रदान करें-
  1. गुमशुदा व्यक्ति का पूरा नाम ।
  2. जन्म तिथि/ आायु और आवासीय पता ।
  3. उस व्यक्ति के शारीरिक विवरण के बारे में ।
  4. उपलब्ध होने पर, व्यक्ति के हाल की एक तस्वीर।
  5. आखिरी बार पहने हुए कपड़े।
  6. जहां आखिरी बार गुमशुदा व्यक्ति को देखा गया था ।
  7. यदि किसी भी शारीरिक या मानसिक समस्या का सामना कर रही / ऱहें हों ।
  8. उपलब्ध होने पर, कोई पहचान पत्र जैसे कि आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्रक इत्यादि और
  9. संपर्क करने के लिए परिवार / दोस्तों के मोबाइल / व्हाट्सएप नंबर एवं ईमेल आईडी ।



पाए गए व्यक्ति के हस्तांतरण की प्रक्रिया एवं इसकी कार्यप्रणाली :-

  • पाए गए व्यक्ति (बच्चे या महिला) का दावा करने वाले वयस्कों को पहचान पत्र के लिए पूछा जाना चाहिए जब तक कि यह स्पष्ट न हो कि बच्चा या महिला वयस्क को पहचानता है।
  • बच्चे या महिला को सौंपने / हस्तांतरण से पहले सुनिश्चित करें कि अभिभावक / देखभालकर्ता फिट है (उदाहरण के लिए कि वे नशे में नहीं हैं) और संदेह होने पर मेला नियंत्रक / स्थानीय पुलिस विभाग से परामर्श लें।
  • यदि परिवार / देखभालकर्ता पाए गए व्यक्ति की देखभाल करने के लिए अनुपयुक्त है तो पुलिस हस्तक्षेप आवश्यक हो सकता है।
  • जब खोए हुए व्यक्ति (बच्चे / महिलाएं) परिवार / देखभालकर्ता के साथ फिर से मिलते हैं तो केंद्र अधिकारी, मेला नियंत्रक / स्थानीय पुलिस विभाग को सूचित करेंगे।
  • जब तक बच्चा सुरक्षित न हो तब तक बच्चे के विवरण सार्वजनिक रूप से प्रसारित नहीं किए जाने चाहिए।
  • पाए गए व्यक्ति को हस्तांतरण / सौंपने से पहले, कृपया सुनिश्चित करें कि परिवार / देखभालकर्ता के स्पष्ट पहचान प्रमाण (आधार / मतदाता कार्ड) की एक प्रति एकत्र की जानी चाहिए और यह आवश्यक है कि रिपोर्ट फॉर्म पर प्राप्तिकर्ता का दिनांक और समय के साथ एक स्पष्ट पावती हस्ताक्षर भी लिया जाना चाहिए।
वस्तु


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मकर संक्रान्ति - मंगलवार, १५ जनवरी २०१९

एक राशि से दूसरी राशि में सूर्य के संक्रमण को ही संक्रान्ति कहते हैं । भारतीय ज्योतिष के अनुसार बारह राशियां मानी गयी हैं- मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुम्भ और मीन, जनवरी महीने में प्रायः 14 तारीख को जब सूर्य धनु राशि से (दक्षिणायन) मकर राशि में प्रवेश कर उत्तरायण होता है तो मकरसंक्रांति मनायी जाती है । लोग व्रत स्नान के बाद अपनी क्षमता के अनुसार कुछ न कुछ दान अवश्य करते हैं ।

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कुम्भ का ज्योतिषीय महत्व

पौराणिक विश्वास जो कुछ भी हो, ज्योतिषियों के अनुसार कुंभ का असाधारण महत्व बृहस्पति के कुंभ राशि में प्रवेश तथा सूर्य के मेष राशि में प्रवेश के साथ जुड़ा है। ग्रहों की स्थिति हरिद्वार से बहती गंगा के किनारे पर स्थित हर की पौड़ी स्थान पर गंगा जल को औषधिकृत करती है तथा उन दिनों यह अमृतमय हो जाती है। यही कारण है ‍कि अपनी अंतरात्मा की शुद्धि हेतु पवित्र स्नान करने लाखों श्रद्धालु यहाँ आते हैं। आध्यात्मिक दृष्टि से अर्ध कुंभ के काल में ग्रहों की स्थिति एकाग्रता तथा ध्यान साधना के लिए उत्कृष्ट होती है। हालाँकि सभी हिंदू त्योहार समान श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाए  जाते है, पर यहाँ अर्ध कुंभ तथा कुंभ मेले के लिए आने वाले पर्यटकों की संख्या सबसे अधिक होती है।

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